Bihar board class 8 science chapter 5 notes– हमारे विशेषज्ञों की मदद से तैयार किए गए ये कक्षा 8वी विज्ञानं “बल से ज़ोर आजमाइश” का समाधान जिसमे गलती होने की संभावना कम है. इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद, आप अपने आगामी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते है ||

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बल से ज़ोर आजमाइश – Bihar board class 8 science chapter 5 notes
बल (Force) विज्ञान का एक महत्वपूर्ण विषय है, जो भौतिकी के कई सिद्धांतों और नियमों का आधार है। बल का प्रभाव हर रोज़ के जीवन में देखा जा सकता है, चाहे वह किसी वस्तु को धक्का देने, खींचने, घुमाने या रोकने के रूप में हो। इस अध्याय में हम बल की परिभाषा, प्रकार, इसके प्रभाव और इससे संबंधित महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानेंगे।
बल की परिभाषा
बल एक प्रकार की क्रिया है जो किसी वस्तु की स्थिति, गति या दिशा में परिवर्तन करती है। बल के कारण वस्तु का आकार या गति बदल सकती है। बल एक वेक्टर राशि है, जिसका मतलब है कि इसमें दिशा और परिमाण दोनों होते हैं।
बल के प्रकार
बल को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- संपर्क बल (Contact Force):
- घर्षण बल (Frictional Force): यह बल दो सतहों के बीच संपर्क में आता है और उनकी गति का विरोध करता है।
- वसंत बल (Spring Force): यह बल वसंत या स्प्रिंग के संकुचन या विस्तार से उत्पन्न होता है।
- तनाव बल (Tension Force): यह बल किसी वस्तु को खींचने पर उत्पन्न होता है, जैसे रस्सी में।
- असंपर्क बल (Non-Contact Force):
- गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force): यह बल पृथ्वी के द्वारा किसी वस्तु को अपनी ओर खींचने से उत्पन्न होता है।
- वैद्युत बल (Electrostatic Force): यह बल दो विद्युत आवेशों के बीच आकर्षण या प्रतिकर्षण से उत्पन्न होता है।
- चुंबकीय बल (Magnetic Force): यह बल चुंबकों के बीच आकर्षण या प्रतिकर्षण से उत्पन्न होता है।
बल का प्रभाव
बल के कई प्रभाव हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- गति में परिवर्तन:
- बल लगाने से किसी वस्तु की गति बढ़ सकती है या कम हो सकती है। उदाहरण: जब हम किसी गेंद को धक्का देते हैं, तो वह गति में आ जाती है।
- दिशा में परिवर्तन:
- बल लगाने से वस्तु की दिशा बदल सकती है। उदाहरण: जब हम किसी कार की स्टीयरिंग घुमाते हैं, तो उसकी दिशा बदलती है।
- आकार में परिवर्तन:
- बल लगाने से वस्तु का आकार या आकार में परिवर्तन हो सकता है। उदाहरण: गाड़ी के टायर को पंप करने पर उसका आकार बदल जाता है।
बल का मात्रक
बल का मात्रक न्यूटन (Newton) है, जिसे ‘N’ से प्रदर्शित किया जाता है। यह सर आइजैक न्यूटन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने गति और बल के नियमों का प्रतिपादन किया।
न्यूटन के गति के नियम
सर आइजैक न्यूटन ने गति और बल के तीन महत्वपूर्ण नियम प्रस्तुत किए, जो “न्यूटन के गति के नियम” कहलाते हैं। ये नियम निम्नलिखित हैं:
- प्रथम नियम (First Law):
- इसे जड़त्व का नियम (Law of Inertia) भी कहा जाता है। यह कहता है कि यदि किसी वस्तु पर कोई बाहरी बल नहीं लगता है, तो वह वस्तु स्थिर अवस्था में या समान वेग से चलती रहेगी।
- द्वितीय नियम (Second Law):
- यह कहता है कि किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसके द्रव्यमान और त्वरण का गुणनफल होता है। इसे गणितीय रूप में F=maF = maF=ma के रूप में लिखा जाता है, जहाँ FFF बल है, mmm द्रव्यमान है, और aaa त्वरण है।
- तृतीय नियम (Third Law):
- इसे क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम (Action-Reaction Law) भी कहा जाता है। यह कहता है कि हर क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। उदाहरण: जब हम किसी दीवार पर धक्का देते हैं, तो दीवार हमें समान बल से पीछे धकेलती है।
बल और घर्षण
घर्षण बल (Frictional Force) किसी वस्तु की गति का विरोध करने वाला बल है। यह सतहों के बीच संपर्क में आने पर उत्पन्न होता है। घर्षण के प्रकार निम्नलिखित हैं:
- स्थिर घर्षण (Static Friction):
- यह दो स्थिर सतहों के बीच उत्पन्न होता है और वस्तु की गति शुरू करने के लिए आवश्यक बल का विरोध करता है।
- सजग घर्षण (Sliding Friction):
- यह तब उत्पन्न होता है जब एक वस्तु दूसरी सतह पर सरकती है। यह स्थिर घर्षण से कम होता है।
- घूर्णी घर्षण (Rolling Friction):
- यह तब उत्पन्न होता है जब एक गोल वस्तु (जैसे पहिया) किसी सतह पर लुढ़कती है। यह सजग घर्षण से भी कम होता है।
बल और दबाव
दबाव (Pressure) बल का वह प्रभाव है जो किसी सतह पर प्रति इकाई क्षेत्रफल पर पड़ता है। इसे निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जाता है:

दबाव का मात्रक पास्कल (Pascal) होता है, जिसे ‘Pa’ से प्रदर्शित किया जाता है।
बल के अनुप्रयोग
बल के विभिन्न अनुप्रयोग हमारे दैनिक जीवन में देखे जा सकते हैं। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- गाड़ी चलाना:
- जब हम गाड़ी की स्टीयरिंग घुमाते हैं, तो हम दिशा में परिवर्तन करते हैं।
- ब्रेक लगाने से गाड़ी की गति कम हो जाती है।
- खेल:
- फुटबॉल खेलते समय गेंद को धक्का देने पर उसकी गति और दिशा बदलती है।
- टेनिस रैकेट से गेंद पर मारने पर उसका आकार थोड़ा बदलता है।
- घरेलू कार्य:
- झाड़ू लगाने से फर्श पर लगी गंदगी हिलती है और साफ हो जाती है।
- दरवाजा बंद करने से वह अपनी स्थिति बदलता है।
बल के प्रयोग और प्रयोगशालाओं में प्रयोग
बल का अध्ययन प्रयोगशालाओं में विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से किया जा सकता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग दिए गए हैं:
- पेंडुलम का प्रयोग:
- पेंडुलम के दोलन से बल और त्वरण का अध्ययन किया जा सकता है।
- पेंडुलम की लम्बाई और दोलन के समय के बीच संबंध का अध्ययन।
- घर्षण का प्रयोग:
- विभिन्न सतहों पर वस्तुओं को खींचकर घर्षण बल का मापन।
- घर्षण बल और सतह के प्रकार के बीच संबंध का अध्ययन।
- स्प्रिंग का प्रयोग:
- स्प्रिंग में लोड लगाने से उसके संकुचन और विस्तार का अध्ययन।
- हुक के नियम (Hooke’s Law) का प्रयोग।
निष्कर्ष
बल का अध्ययन हमारे जीवन में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने में मदद करता है। बल के विभिन्न प्रकार, उनके प्रभाव, और उनसे संबंधित नियमों का ज्ञान हमारे दैनिक जीवन के कार्यों और वैज्ञानिक प्रयोगों में अत्यधिक उपयोगी होता है। न्यूटन के गति के नियम, घर्षण, और दबाव जैसी अवधारणाओं का ज्ञान हमें भौतिकी की गहरी समझ प्रदान करता है।
बल से जुड़े विभिन्न प्रयोग और उनके परिणाम हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने और समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करते हैं। इस प्रकार, बल का अध्ययन न केवल शैक्षिक स्तर पर बल्कि व्यावहारिक जीवन में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आशा है कि इस लेख से आपको बल के विभिन्न पहलुओं और उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई होगी।