किशोरावस्था की ओर – BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes

किशोरावस्था, जीवन के महत्वपूर्ण चरणों में से एक है, जब बच्चा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से परिपक्वता की ओर बढ़ता है। किशोरावस्था की ओर – BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes इस विषय पर गहन दृष्टि प्रदान करता है।

BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes

इस लेख में, हम इस अध्याय के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे और यह समझेंगे कि यह हमारी दैनिक जीवन में कैसे लागू होता है।

किशोरावस्था जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें बच्चे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन से गुजरते हैं। इस चरण में सही मार्गदर्शन और समर्थन से बच्चे स्वस्थ और सफल जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं। BSEB की कक्षा 8 की विज्ञान की पुस्तक में इस विषय पर दी गई जानकारी न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन कौशल और व्यक्तिगत विकास के लिए भी उपयोगी है।

किशोरावस्था की ओर – BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes

किशोरावस्था वह समय होता है जब बच्चे का शरीर और मन दोनों में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं। यह अवस्था के बीच होती है। इस दौरान, व्यक्ति बचपन से निकलकर युवावस्था की ओर बढ़ता है। इस चरण में कई शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं।

शारीरिक परिवर्तन

किशोरावस्था के दौरान शरीर में कई प्रमुख शारीरिक परिवर्तन होते हैं:

  • ऊंचाई और वजन में वृद्धि:– इस दौरान बच्चों की ऊंचाई तेजी से बढ़ती है। लड़कियों में यह वृद्धि आमतौर पर 10-12 साल की उम्र में शुरू होती है, जबकि लड़कों में 12-14 साल की उम्र में।
    • वजन में भी वृद्धि होती है और शरीर का आकार बदलता है।

लिंग विशेष अंगों का विकास:

  • लड़कों में दाढ़ी-मूंछ का आना, आवाज का भारी होना, और जननांगों का विकास।
  • लड़कियों में मासिक धर्म का शुरू होना, स्तनों का विकास और कूल्हों का चौड़ा होना।

मांसपेशियों का विकास:

  • लड़कों में मांसपेशियों का विकास अधिक होता है जबकि लड़कियों में वसा का प्रतिशत बढ़ता है।

त्वचा में परिवर्तन:

  • त्वचा तैलीय हो जाती है, जिससे मुंहासे और फुंसियां निकल सकती हैं।

हार्मोनल परिवर्तन:- किशोरावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के विकास को प्रभावित करते हैं:

  • लड़कों में:– टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो शारीरिक विकास और यौन विशेषताओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • लड़कियों में:– एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है, जो मासिक धर्म चक्र और अन्य शारीरिक परिवर्तनों को नियंत्रित करता है।

मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन:- किशोरावस्था के दौरान मानसिक और भावनात्मक विकास भी होता है। इस चरण में बच्चे का मानसिक विकास तेजी से होता है और वे अपने परिवेश के प्रति अधिक सजग होते हैं:

  • स्वतंत्रता की भावना:– किशोरों में स्वतंत्रता की भावना बढ़ती है और वे अपने निर्णय खुद लेना चाहते हैं।
  • भावनात्मक अस्थिरता:– इस चरण में बच्चे भावनात्मक रूप से अस्थिर हो सकते हैं। कभी-कभी वे अत्यधिक खुश होते हैं तो कभी उदास।
  • आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास:– आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास का विकास होता है, लेकिन वे सामाजिक मान्यताओं और अपने साथियों के विचारों से प्रभावित होते हैं।
  • समाजिक परिवेश:– इस उम्र में मित्रता और सामाजिक संपर्क महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वे अपने दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं और उनसे प्रभावित होते हैं।

किशोरावस्था की चुनौतियाँ:- किशोरावस्था कई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करती है:

  • शारीरिक छवि और आत्म-स्वीकृति:– किशोरों में अपनी शारीरिक छवि के प्रति जागरूकता बढ़ती है और वे दूसरों के सामने अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते हैं। इससे आत्म-स्वीकृति की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • अत्यधिक तनाव और चिंता:– परीक्षा, करियर और अन्य सामाजिक दबाव के कारण तनाव और चिंता का स्तर बढ़ सकता है।
  • माता-पिता और बच्चों के बीच तनाव:– स्वतंत्रता की भावना के चलते माता-पिता और बच्चों के बीच मतभेद और तनाव उत्पन्न हो सकता है।
  • सामाजिक दबाव और निर्णय:– किशोरों को सामाजिक दबाव और अपने साथियों की अपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे वे गलत निर्णय भी ले सकते हैं।

किशोरावस्था के लिए सुझाव:- किशोरावस्था के दौरान स्वस्थ और संतुलित विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा सकते हैं:

  • संतुलित आहार:– इस चरण में संतुलित आहार का सेवन महत्वपूर्ण होता है। पौष्टिक भोजन से शारीरिक और मानसिक विकास में सहायता मिलती है।
  • व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ:– नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं।
  • मानसिक स्वास्थ्य:– मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग, ध्यान और सकारात्मक सोच महत्वपूर्ण होते हैं।
  • माता-पिता का समर्थन:– माता-पिता का सहयोग और समर्थन बच्चों के आत्म-विश्वास को बढ़ाता है और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करता है।
  • सामाजिक संपर्क और मित्रता:– स्वस्थ सामाजिक संपर्क और अच्छे मित्र किशोरों के मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद करते हैं।

निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने किशोरावस्था के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है और यह समझाने की कोशिश की है कि यह समय बच्चों के जीवन में कितना महत्वपूर्ण होता है। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी और आप इसे अपने जीवन में लागू कर पाएंगे।

bihar board class 8 science notes

क्र० स ०अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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