कब कहाँ और कैसे – Bihar Board Class 8 History Notes – अतीत से वर्तमान भाग 3

इतिहास हमारे अतीत की घटनाओं, समाजों, संस्कृतियों और उनकी प्रगति का अध्ययन है। यह हमें न केवल हमारे पूर्वजों के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी देता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि हम उनके अनुभवों से क्या सीख सकते हैं।

कब कहाँ और कैसे - Bihar Board Class 8 History Notes

Bihar Board Class 8 History Notes “कब, कहाँ और कैसे” में हम इतिहास की इन महत्वपूर्ण धारणाओं का अध्ययन करेंगे। इतिहास हमें हमारे पूर्वजों की गलती और उनकी सफलताओं से सीखने का अवसर देता है, ताकि हम अपने वर्तमान और भविष्य को बेहतर बना सकें। इसके माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि समय, स्थान और घटनाओं का अध्ययन कैसे हमारे समाज और संस्कृति को आकार देता है।

कब कहाँ और कैसे – Bihar Board Class 8 History Notes

इतिहास का अध्ययन हमें यह भी सिखाता है कि हम कैसे अपने समाज में सुधार ला सकते हैं और कैसे हम अपने देश की प्रगति में योगदान दे सकते हैं। यही कारण है कि इतिहास का अध्ययन हर विद्यार्थी के लिए आवश्यक है और इसे गहराई से समझना हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

इतिहास की परिभाषा

इतिहास वह विज्ञान है जो मानव समाज की अतीत की घटनाओं का अध्ययन करता है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें बताता है कि हमारे पूर्वजों ने कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना किया और कैसे उन्होंने अपने समय के समस्याओं का समाधान निकाला।

समय का महत्व

समय का महत्व इतिहास में बहुत अधिक है। समय हमें घटनाओं को क्रमबद्ध करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, हम यह जान सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता का उदय कब हुआ, बौद्ध धर्म का विस्तार किस समय हुआ और मुगल साम्राज्य की स्थापना किस समय हुई।

कब, कहाँ और कैसे

इतिहास में ‘कब, कहाँ और कैसे’ तीन महत्वपूर्ण प्रश्न होते हैं जो किसी भी ऐतिहासिक घटना को समझने के लिए आवश्यक होते हैं।

  • कब: यह प्रश्न किसी घटना के समय को संदर्भित करता है। किसी भी ऐतिहासिक घटना की तिथि और समय को जानना महत्वपूर्ण होता है ताकि हम उसे सही संदर्भ में समझ सकें।
  • कहाँ: यह प्रश्न किसी घटना के स्थान को संदर्भित करता है। स्थान के आधार पर हम यह जान सकते हैं कि कोई घटना किस क्षेत्र में हुई और उस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति क्या थी।
  • कैसे: यह प्रश्न किसी घटना के घटित होने के तरीके को संदर्भित करता है। यह हमें बताता है कि कोई घटना किन कारणों से और किन प्रक्रियाओं के माध्यम से घटित हुई।

ऐतिहासिक स्रोत:- इतिहास का अध्ययन ऐतिहासिक स्रोतों पर आधारित होता है। ऐतिहासिक स्रोत दो प्रकार के होते हैं:

  • प्राथमिक स्रोत: ये स्रोत वे होते हैं जो घटना के समय के नजदीक के होते हैं, जैसे कि पुरातात्त्विक अवशेष, प्राचीन दस्तावेज, सिक्के, शिलालेख आदि।
  • द्वितीयक स्रोत: ये स्रोत वे होते हैं जो प्राथमिक स्रोतों के आधार पर तैयार किए जाते हैं, जैसे कि इतिहास की किताबें, शोध पत्र, जीवनी आदि।

पुरातात्त्विक साक्ष्य

पुरातात्त्विक साक्ष्य इतिहास के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये साक्ष्य हमें प्राचीन सभ्यताओं, उनके जीवन, उनकी कला और संस्कृति के बारे में जानकारी देते हैं। उदाहरण के लिए, हड़प्पा सभ्यता के अवशेष, मौर्य साम्राज्य के स्तंभ, अशोक के शिलालेख आदि।

लिखित साक्ष्य

लिखित साक्ष्य भी ऐतिहासिक घटनाओं को समझने में महत्वपूर्ण होते हैं। प्राचीन पांडुलिपियाँ, शिलालेख, ताम्रपत्र, धार्मिक ग्रंथ आदि इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करते हैं।

मुगल काल के साक्ष्य

मुगल काल के दौरान भी कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध हुए। बाबरनामा, अकबरनामा, तुज़ुक-ए-जहाँगीरी जैसे ग्रंथ मुगल काल के इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मध्यकालीन भारत

मध्यकालीन भारत का इतिहास भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस काल में दिल्ली सल्तनत, विजयनगर साम्राज्य, बहमनी साम्राज्य जैसे महत्वपूर्ण राज्यों का उदय और पतन हुआ। इसके साथ ही इस काल में विभिन्न धर्मों का विकास और उनके प्रभाव भी महत्वपूर्ण हैं।

भारतीय पुनर्जागरण

19वीं सदी का भारतीय पुनर्जागरण भारतीय समाज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस समय भारतीय समाज में शिक्षा, सामाजिक सुधार, धार्मिक पुनरुत्थान आदि महत्वपूर्ण बदलाव हुए। राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद जैसे समाज सुधारकों ने इस काल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

20वीं सदी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने भारतीय इतिहास को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल जैसे नेताओं ने इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद भारतीय समाज और राजनीति में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।

स्वतंत्रता के बाद का भारत

स्वतंत्रता के बाद का भारत भी इतिहास के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है। इस काल में भारत ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं।

निष्कर्ष

इतिहास का अध्ययन हमें न केवल अतीत के बारे में जानकारी देता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि हम अपने भविष्य को कैसे बेहतर बना सकते हैं। Bihar Board Class 8 Social Science “कब, कहाँ और कैसे” में हमने देखा कि इतिहास का अध्ययन कैसे किया जाता है और इसके विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए किन महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर आवश्यक होता है।

Bihar board class 8th social science notes समाधान

सामाजिक  विज्ञान – हमारी दुनिया भाग 3
आध्यायअध्याय का नाम
1.संसाधन
1A.भूमि, मृदा एवं जल संसाधन
1B.वन एवं वन्य प्राणी संसाधन
1C.खनिज संसाधन
1D.ऊर्जा संसाधन
2.भारतीय कृषि
3उद्योग
3Aलौह-इस्पात उद्योग
3Bवस्त्र उद्योग
3C.सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग
4.परिवहन
5.मानव ससंधन
6.एशिया (no Available notes)
7भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण (no Available notes)
कक्ष 8 सामाजिक विज्ञान – अतीत से वर्तमान भाग 3
आध्यायअध्याय का नाम
1.कब, कहाँ और कैसे
2.भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
3.ग्रामीण ज़ीवन और समाज
4.उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज
5.शिल्प एवं उद्योग
6.अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
7.ब्रिटिश शासन एवं शिक्षा
8.जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ
9.महिलाओं की स्थिति एवं सुधार
10.अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव
11.कला क्षेत्र में परिवर्तन
12.राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947)
13.स्वतंत्रता के बाद विभाजित भारत का जन्म
14.हमारे इतिहासकार कालीकिंकर दत्त (1905-1982)
सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन भाग 3
अध्यायअध्याय का नाम
1.भारतीय संविधान
2.धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार
3.संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)
4.कानून की समझ
5.न्यायपालिका
6.न्यायिक प्रक्रिया
7.सहकारिता
8.खाद्य सुरक्षा

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