वन एवं वन्य प्राणी संसाधन – Bihar Board Class 8 Social Science Chapter 1B Notes

वन और वन्य प्राणी संसाधन किसी भी देश की प्राकृतिक संपत्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

Bihar Board Class 8 Social Science Chapter 1B Notes

इस लेख में, हम बिहार बोर्ड कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान “वन एवं वन्य प्राणी संसाधन” – Bihar Board Class 8 Social Science Chapter 1B Notes के विस्तृत नोट्स प्रस्तुत करेंगे।

वन एवं वन्य प्राणी संसाधन – Bihar Board Class 8 Social Science Chapter 1B Notes

वन संसाधन हमारे पर्यावरण और जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे हमें लकड़ी, ईंधन, रेजिन, औषधियाँ और कई अन्य उत्पाद प्रदान करते हैं। वन जैव विविधता को बनाए रखते हैं और जलवायु संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वनों के प्रकार

  • उष्णकटिबंधीय वर्षावन: यह वन क्षेत्र गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। यहाँ वर्षभर अधिक वर्षा होती है और ये वन जैव विविधता से भरपूर होते हैं। उदाहरण: अमेज़न वर्षावन।
  • शुष्क पर्णपाती वन: ये वन क्षेत्र उन स्थानों पर होते हैं जहाँ वर्षा कम होती है और ग्रीष्मकाल में पत्तियाँ झड़ जाती हैं। भारत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ऐसे वन पाए जाते हैं।
  • समशीतोष्ण पर्णपाती वन: ये वन समशीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यहाँ सर्दियों में पत्तियाँ गिर जाती हैं और वसंत में फिर से उग आती हैं। उत्तर अमेरिका और यूरोप में ऐसे वन आम हैं।
  • बोरील वन: ये वन ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं और मुख्यतः शंकुधारी वृक्षों से ढके होते हैं। ये वन रूस, कनाडा, और स्कैंडिनेविया में पाए जाते हैं।

वनों के महत्व

  • पर्यावरणीय संतुलन: वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • जैव विविधता संरक्षण: वन विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के आवास हैं, जो जैव विविधता को बनाए रखते हैं।
  • मृदा संरक्षण: वन मृदा अपरदन को रोकते हैं और जलग्रहण क्षेत्रों को सुरक्षित रखते हैं।
  • जलवायु नियंत्रण: वन जलवायु को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव को कम करते हैं।

वन्य प्राणी संसाधन:- वन्य प्राणी संसाधन हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने, भोजन श्रृंखला को संतुलित करने और जैव विविधता को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

प्रमुख वन्य प्राणी

  • शेर: यह जंगल का राजा कहलाता है और भारतीय जंगलों में मुख्यतः गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
  • बाघ: यह भारत का राष्ट्रीय पशु है और देश के विभिन्न अभयारण्यों में पाया जाता है। बाघ संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर चलाया जा रहा है।
  • हाथी: यह भारत का सबसे बड़ा स्थलीय प्राणी है और दक्षिणी और पूर्वोत्तर भारत के जंगलों में पाया जाता है।
  • गैंडा: यह प्रमुख रूप से असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
  • हिरण: विभिन्न प्रकार के हिरण भारत के जंगलों में पाए जाते हैं, जैसे कि चीतल, सांभर, और कस्तूरी मृग।

वन्य प्राणियों का महत्व

  • पारिस्थितिक संतुलन: वन्य प्राणी पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखते हैं और खाद्य श्रृंखला को संतुलित रखते हैं।
  • जैव विविधता: वन्य प्राणियों की उपस्थिति जैव विविधता को बनाए रखती है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पर्यटन: वन्य प्राणी अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, जिससे आर्थिक लाभ होता है।
  • संस्कृति और धर्म: भारत में कई वन्य प्राणी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं।

वनों और वन्य प्राणियों का संरक्षण:- वन और वन्य प्राणियों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उनका संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है।

संरक्षण के उपाय

  • वन संरक्षण: वन संरक्षण के लिए वृक्षारोपण, वनों की कटाई पर रोक, और अवैध लकड़ी कटाई के खिलाफ कठोर कानून बनाए जाने चाहिए।
  • वन्य प्राणी संरक्षण: वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और रिज़र्व बनाए जाने चाहिए। साथ ही अवैध शिकार पर रोकथाम के उपाय भी किए जाने चाहिए।
  • समुदाय की भागीदारी: स्थानीय समुदायों को वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में शामिल किया जाना चाहिए। इससे संरक्षण के प्रयासों में वृद्धि होती है और स्थायित्व आता है।
  • शिक्षा और जागरूकता: लोगों में वनों और वन्य प्राणियों के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षा और प्रचार-प्रसार का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • विकास और अनुसंधान: वनों और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना चाहिए। इससे संरक्षण के नए और प्रभावी तरीकों की खोज की जा सकती है।

राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य:- भारत में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान

  • काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: यह असम में स्थित है और एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है।
  • गिर राष्ट्रीय उद्यान: यह गुजरात में स्थित है और एशियाई शेर के लिए प्रसिद्ध है।
  • जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान: यह उत्तराखंड में स्थित है और बाघों के लिए प्रसिद्ध है।
  • सुंदरबन राष्ट्रीय: यह पश्चिम बंगाल में स्थित है और रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है।

प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य:- रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य: यह राजस्थान में स्थित है और बाघों के लिए प्रसिद्ध है।

  • कन्हा वन्यजीव अभयारण्य: यह मध्य प्रदेश में स्थित है और बाघों और बारहसिंघा के लिए प्रसिद्ध है।
  • पेरियार वन्यजीव अभयारण्य: यह केरल में स्थित है और हाथियों के लिए प्रसिद्ध है।

वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम:- भारत में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972। इस अधिनियम के तहत वन्य प्राणियों के शिकार और व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों की स्थापना और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश भी निर्धारित किए गए हैं।

निष्कर्ष

वन और वन्य प्राणी संसाधन हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनका संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। बिहार बोर्ड कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान के इस अध्याय में वनों और वन्य प्राणियों के महत्व, प्रकार, और संरक्षण के उपायों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। इस ज्ञान का उपयोग करके हम एक समृद्ध और सतत समाज का निर्माण कर सकते हैं।

Bihar board class 8th social science notes समाधान

सामाजिक  विज्ञान – हमारी दुनिया भाग 3
आध्यायअध्याय का नाम
1.संसाधन
1A.भूमि, मृदा एवं जल संसाधन
1B.वन एवं वन्य प्राणी संसाधन
1C.खनिज संसाधन
1D.ऊर्जा संसाधन
2.भारतीय कृषि
3उद्योग
3Aलौह-इस्पात उद्योग
3Bवस्त्र उद्योग
3C.सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग
4.परिवहन
5.मानव ससंधन
6.एशिया (no Available notes)
7भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण (no Available notes)
कक्ष 8 सामाजिक विज्ञान – अतीत से वर्तमान भाग 3
आध्यायअध्याय का नाम
1.कब, कहाँ और कैसे
2.भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
3.ग्रामीण ज़ीवन और समाज
4.उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज
5.शिल्प एवं उद्योग
6.अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
7.ब्रिटिश शासन एवं शिक्षा
8.जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ
9.महिलाओं की स्थिति एवं सुधार
10.अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव
11.कला क्षेत्र में परिवर्तन
12.राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947)
13.स्वतंत्रता के बाद विभाजित भारत का जन्म
14.हमारे इतिहासकार कालीकिंकर दत्त (1905-1982)
सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन भाग 3
अध्यायअध्याय का नाम
1.भारतीय संविधान
2.धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार
3.संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)
4.कानून की समझ
5.न्यायपालिका
6.न्यायिक प्रक्रिया
7.सहकारिता
8.खाद्य सुरक्षा

Leave a Comment