भारत का इतिहास अंग्रेजी शासन के आगमन और उसके परिणामस्वरूप हुए शहरी बदलावों से गहराई से प्रभावित है। अंग्रेजों के भारत में आगमन और उनके शासन ने भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था, और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला। विशेष रूप से शहरीकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए।
इस लेख में, हम BSEB class 8 social science history chapter 10 notes “अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव” का विस्तृत अध्ययन करेंगे, जिसमें अंग्रेजी शासन के विभिन्न पहलुओं और शहरीकरण के परिणामों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव – BSEB class 8 social science history chapter 10 notes
अंग्रेजी शासन का आगमन 17वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के साथ हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश किया और धीरे-धीरे अपने राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाया। 1757 में प्लासी के युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद, कंपनी ने बंगाल में अपनी सत्ता स्थापित की और इसके बाद पूरे भारत में अपना प्रभुत्व बढ़ाया।
अंग्रेजी शासन के प्रभाव
- राजनीतिक प्रभाव:- अंग्रेजी शासन ने भारतीय राजनीतिक संरचना को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने देशी रियासतों को पराजित करके और संधियाँ करके भारत में अपने शासन को विस्तार दिया। 1858 में, ब्रिटिश क्राउन ने ईस्ट इंडिया कंपनी का नियंत्रण समाप्त कर दिया और भारत सीधे ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।
- आर्थिक प्रभाव:- अंग्रेजी शासन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गहरा प्रभावित किया। उन्होंने भारतीय कृषि और उद्योगों का शोषण किया और ब्रिटिश उद्योगों के विकास के लिए भारतीय संसाधनों का उपयोग किया। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय कुटीर उद्योगों का पतन हुआ और किसानों की स्थिति बदतर हो गई।
- सामाजिक प्रभाव:- अंग्रेजी शासन ने भारतीय समाज पर भी प्रभाव डाला। उन्होंने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की स्थापना की और पश्चिमी संस्कृति का प्रसार किया। हालांकि, इसने भारतीय समाज में विभाजन और असमानता को भी बढ़ावा दिया।
शहरीकरण के प्रारंभिक चरण:- अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में शहरीकरण का प्रारंभिक चरण देखा गया। अंग्रेजों ने व्यापार और प्रशासन के केंद्रों के रूप में कई नए शहरों की स्थापना की। इनमें से कुछ प्रमुख शहर थे:
- कोलकाता (कलकत्ता): 1690 में कोलकाता की स्थापना हुई और यह ब्रिटिश शासन का पहला महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बना। बाद में यह ब्रिटिश भारत की राजधानी बना।
- मुंबई (बॉम्बे): मुंबई का विकास भी एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में हुआ। इसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1661 में पुर्तगालियों से प्राप्त किया था।
- चेन्नई (मद्रास): चेन्नई की स्थापना 1639 में हुई और यह दक्षिण भारत में ब्रिटिश प्रशासन का मुख्य केंद्र बना।
शहरी बदलाव और उनकी विशेषताएँ
अवसंरचना का विकास:- अंग्रेजी शासन के दौरान भारतीय शहरों में अवसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों, और पुलों का निर्माण किया। इससे व्यापार और परिवहन में सुधार हुआ और शहरों का तेजी से विकास हुआ।
शैक्षिक संस्थानों की स्थापना:- अंग्रेजों ने भारतीय शहरों में आधुनिक शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की। इनमें से कुछ प्रमुख संस्थान थे:
- फोर्ट विलियम कॉलेज, कोलकाता: इसकी स्थापना 1800 में हुई और यह प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए प्रमुख केंद्र बना।
- हिंदू कॉलेज, कोलकाता: इसकी स्थापना 1817 में हुई और यह भारतीय शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला संस्थान बना।
- मुंबई विश्वविद्यालय: इसकी स्थापना 1857 में हुई और यह उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र बना।
स्वास्थ्य सेवाओं का विकास:- अंग्रेजी शासन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं का भी विकास हुआ। उन्होंने आधुनिक अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की स्थापना की। इससे शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ और लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ी।
शहरीकरण के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
- सामाजिक विभाजन:- शहरीकरण के कारण भारतीय समाज में विभाजन बढ़ा। नए शहरी केंद्रों में बसने वाले लोग और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से विभाजित हो गए। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग पश्चिमी संस्कृति और जीवनशैली को अपनाने लगे, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक जीवनशैली बनी रही।
- संस्कृति और जीवनशैली में परिवर्तन:- शहरीकरण ने भारतीय संस्कृति और जीवनशैली में भी परिवर्तन लाया। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग पश्चिमी शिक्षा, पहनावा, और खानपान को अपनाने लगे। इसके साथ ही, नए शहरी केंद्रों में कला, साहित्य, और संगीत का भी विकास हुआ।
औद्योगीकरण और शहरीकरण
औद्योगीकरण का प्रभाव:- अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में औद्योगीकरण का प्रारंभ हुआ। कई शहर औद्योगिक केंद्रों में बदल गए, जैसे:
- जमशेदपुर: यह भारत का पहला औद्योगिक शहर बना, जहाँ टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (TISCO) की स्थापना हुई।
- अहमदाबाद: यह कपड़ा उद्योग का प्रमुख केंद्र बना और इसे “भारत का मैनचेस्टर” कहा जाने लगा।
- कानपुर: यह चमड़ा और कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध हुआ।
श्रमिक वर्ग का उदय:- औद्योगीकरण के कारण भारतीय शहरों में श्रमिक वर्ग का उदय हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग रोजगार की तलाश में शहरों की ओर आकर्षित हुए। इससे शहरों की जनसंख्या में वृद्धि हुई और मजदूर वर्ग का विकास हुआ।
शहरीकरण के चुनौतियाँ
- आवास समस्या:- शहरीकरण के कारण शहरों में आवास समस्या उत्पन्न हुई। तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण आवास की कमी हो गई और झुग्गी-झोपड़ियों का विकास हुआ। इससे शहरों में स्वास्थ्य और स्वच्छता की समस्याएँ बढ़ गईं।
- पर्यावरण प्रदूषण:- औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न हुई। उद्योगों से निकलने वाला धुआँ और कचरा शहरों के वातावरण को प्रदूषित करने लगे। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
- सामाजिक असमानता:- शहरीकरण के कारण सामाजिक असमानता भी बढ़ी। शहरों में अमीर और गरीब के बीच का अंतर बढ़ता गया। उच्च वर्ग के लोग शहरी जीवन के सभी सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे, जबकि गरीब वर्ग के लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।
अंग्रेजी शासन के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव:- आधुनिक शिक्षा का प्रसार: अंग्रेजों ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की स्थापना की, जिससे भारतीय समाज में शिक्षा का प्रसार हुआ।
- अवसंरचना का विकास: अंग्रेजों ने सड़कों, रेलवे, और बंदरगाहों का निर्माण किया, जिससे परिवहन और व्यापार में सुधार हुआ।
- स्वास्थ्य सेवाओं का विकास: अंग्रेजों ने आधुनिक अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों की स्थापना की, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
नकारात्मक प्रभाव
- आर्थिक शोषण: अंग्रेजों ने भारतीय संसाधनों का शोषण किया और भारतीय उद्योगों को नष्ट कर दिया।
- सामाजिक विभाजन: अंग्रेजी शासन ने भारतीय समाज को विभाजित किया और जातीय और धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दिया।
- पर्यावरण प्रदूषण: औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्या बढ़ी।
स्वतंत्रता के बाद शहरीकरण:- स्वतंत्रता के बाद, भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ी। सरकार ने शहरों के विकास के लिए कई योजनाएँ और कार्यक्रम लागू किए। इनमें प्रमुख हैं:
- स्मार्ट सिटी मिशन: इस मिशन का उद्देश्य भारतीय शहरों को स्मार्ट और टिकाऊ बनाना है। इसमें शहरों की अवसंरचना, परिवहन, और स्वच्छता में सुधार पर ध्यान दिया गया है।
- अटल मिशन फॉर रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT): इस मिशन का उद्देश्य शहरों में आधारभूत सेवाओं को बेहतर बनाना है, जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज, और परिवहन।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को सस्ते आवास प्रदान करना है।
निष्कर्ष
अंग्रेजी शासन और शहरी बदलाव भारतीय समाज के इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय हैं। अंग्रेजों ने भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था, और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला। शहरीकरण ने भारतीय शहरों की संरचना और जीवनशैली को बदल दिया। हालांकि, इसके साथ ही कई चुनौतियाँ भी उत्पन्न हुईं। स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सरकार ने शहरीकरण की समस्याओं के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं और शहरों के विकास के लिए योजनाएँ बनाई हैं।
Bihar board class 8th social science notes समाधान
सामाजिक विज्ञान – हमारी दुनिया भाग 3 |
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आध्याय | अध्याय का नाम |
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1. | संसाधन |
1A. | भूमि, मृदा एवं जल संसाधन |
1B. | वन एवं वन्य प्राणी संसाधन |
1C. | खनिज संसाधन |
1D. | ऊर्जा संसाधन |
2. | भारतीय कृषि |
3 | उद्योग |
3A | लौह-इस्पात उद्योग |
3B | वस्त्र उद्योग |
3C. | सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग |
4. | परिवहन |
5. | मानव ससंधन |
6. | एशिया (no Available notes) |
7 | भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण (no Available notes) |
कक्ष 8 सामाजिक विज्ञान – अतीत से वर्तमान भाग 3 |
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सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन भाग 3 |
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अध्याय | अध्याय का नाम |
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1. | भारतीय संविधान |
2. | धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार |
3. | संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि) |
4. | कानून की समझ |
5. | न्यायपालिका |
6. | न्यायिक प्रक्रिया |
7. | सहकारिता |
8. | खाद्य सुरक्षा |