इंधन : हमारी जरुरत – BSEB Class 8 Science Chapter 9 Notes

Bihar board class 8 science chapter 6 notes– हमारे विशेषज्ञों की मदद से तैयार किए गए ये कक्षा 8वी विज्ञानं “घर्षण के कारण” का समाधान जिसमे गलती होने की संभावना कम है. इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद, आप अपने आगामी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते है ||

BSEB Class 8 Science Chapter 9 Notes

ये नोट्स NCERT एवं SCERT बिहार पाठ्यक्रम पर बनाए गए हैं। जो बिहार बोर्ड कक्षा 8 वीं की परीक्षा के नजरिए से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख “घर्षण के कारण – Bihar board class 8 science chapter 6 notes” को पढ़कर आप विज्ञान की परीक्षा में अच्छे मार्क्स ला सकते है |

BSEB Class 8 Science Chapter 9 Notes – इंधन : हमारी जरुरत

इंधन, जिसे हम ऊर्जा के स्रोत के रूप में जानते हैं, हमारे जीवन के हर पहलू में अहम भूमिका निभाता है। इंधन का उपयोग हम विभिन्न कार्यों में करते हैं, चाहे वह खाना पकाने के लिए हो, वाहन चलाने के लिए हो, या फिर उद्योगों में उत्पादन के लिए हो। बिहार बोर्ड की कक्षा 8 विज्ञान के अध्याय 9 में इंधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। इस लेख में हम इंधन के विभिन्न प्रकार, उनके उपयोग, उनके लाभ और हानियों के साथ-साथ उनके प्रभावों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

इंधन

इंधन वे पदार्थ होते हैं जो जलने पर उर्जा उत्पन्न करते हैं। यह ऊर्जा विभिन्न रूपों में हो सकती है, जैसे कि गर्मी, प्रकाश, और बिजली। इंधन का मुख्य स्रोत कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जिनमें मुख्यतः कार्बन और हाइड्रोजन तत्व होते हैं।

इंधन के प्रकार

इंधन को मुख्यतः तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. ठोस इंधन: कोयला, लकड़ी, पीट, आदि।
  2. द्रव इंधन: पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, आदि।
  3. गैसीय इंधन: प्राकृतिक गैस, बायोगैस, हाइड्रोजन गैस, आदि।
ठोस इंधन

ठोस इंधन में मुख्य रूप से लकड़ी, कोयला, चारकोल आदि आते हैं। ये इंधन आमतौर पर घरेलू उपयोग में और छोटे उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं। ठोस इंधन के लाभ और हानियों पर नजर डालते हैं।

  • कोयला: कोयला एक प्राचीन जीवाश्म इंधन है। यह लाखों साल पहले पृथ्वी पर उगने वाले पौधों के अवशेषों से बना है। कोयले के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे एंथ्रासाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट, आदि। यह विद्युत उत्पादन, घरेलू उपयोग, और औद्योगिक प्रक्रियाओं में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
  • लकड़ी: लकड़ी सबसे पुराना और पारंपरिक ठोस इंधन है। यह आसानी से उपलब्ध है और ग्रामीण क्षेत्रों में इसका व्यापक उपयोग होता है। हालांकि, लकड़ी का जलना पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह धुआं और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है।
लाभ:
  • उपलब्धता: ठोस इंधन, जैसे लकड़ी और कोयला, बहुतायत में उपलब्ध होते हैं।
  • आसान भंडारण: इन्हें आसानी से संग्रहित किया जा सकता है।
  • परंपरागत उपयोग: ये प्राचीन काल से उपयोग में लाए जा रहे हैं और लोगों को इनके उपयोग की विधि पता है।

हानियां:

  • प्रदूषण: ठोस इंधन जलने पर भारी मात्रा में धुआं और हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं।
  • कम दक्षता: इनका ऊर्जा उत्पादन कम होता है और इनका उपयोग करना भी कठिन होता है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: ठोस इंधन के उपयोग से वनों की कटाई बढ़ती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।

द्रव इंधन

द्रव इंधन में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि आते हैं। ये इंधन मुख्य रूप से परिवहन और उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं।

  • पेट्रोल: यह एक प्रमुख द्रव इंधन है जो मुख्यतः वाहनों में उपयोग होता है। यह तेल शोधन प्रक्रियाओं के माध्यम से कच्चे तेल से प्राप्त होता है।
  • डीजल: यह भी एक महत्वपूर्ण द्रव इंधन है, जिसे भारी वाहनों, जनरेटरों और औद्योगिक मशीनों में उपयोग किया जाता है। यह पेट्रोल की तुलना में अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।

लाभ:

  • उच्च ऊर्जा घनत्व: द्रव इंधन उच्च ऊर्जा घनत्व वाले होते हैं, जिससे ये अधिक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • आसान परिवहन: इन्हें पाइपलाइनों, टैंकरों और कंटेनरों के माध्यम से आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है।
  • साफ दहन: इनका दहन ठोस इंधनों की तुलना में साफ होता है और कम धुआं उत्पन्न करता है।

हानियां:

  • प्रदूषण: द्रव इंधन जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं।
  • अस्थिरता: इनकी कीमतें वैश्विक बाजार में अस्थिर होती हैं।
  • सीमित संसाधन: ये जीवाश्म ईंधन सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और तेजी से समाप्त हो रहे हैं।
गैसीय इंधन

गैस इंधनों में मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस, बायोगैस, एलपीजी आदि आते हैं। ये इंधन घरेलू उपयोग के साथ-साथ परिवहन और उद्योगों में भी इस्तेमाल होते हैं।

  • प्राकृतिक गैस: यह एक स्वच्छ और कुशल इंधन है जो मुख्यतः मीथेन गैस से बना होता है। यह घरेलू उपयोग, औद्योगिक प्रक्रियाओं और विद्युत उत्पादन में उपयोग होता है।
  • बायोगैस: यह एक नवीकरणीय इंधन है जो जैविक कचरे से उत्पन्न होता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि यह कृषि अवशेषों और पशु कचरे से बनाया जा सकता है।

लाभ:

  • स्वच्छ ईंधन: गैस इंधन सबसे साफ ईंधनों में से एक हैं, जिनका दहन कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।
  • उच्च ऊर्जा उत्पादन: इनका ऊर्जा उत्पादन उच्च होता है।
  • आसान उपयोग: इन्हें उपयोग करना और नियंत्रित करना आसान होता है।

हानियां:

  • प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता: प्राकृतिक गैस जैसे गैस इंधन प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर होते हैं।
  • भंडारण और परिवहन में चुनौती: गैस इंधनों का भंडारण और परिवहन कठिन होता है और विशेष सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है।
  • लीकेज का खतरा: गैस इंधनों के रिसाव से विस्फोट और आग लगने का खतरा होता है।

इंधन के उपयोग

इंधन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है:

  • घरेलू उपयोग: खाना पकाने, गर्म पानी, और घर को गर्म रखने के लिए।
  • औद्योगिक उपयोग: उत्पादन प्रक्रियाओं, बॉयलरों, और भट्टियों में।
  • परिवहन: वाहनों, ट्रेनों, विमानों, और जहाजों में।
  • विद्युत उत्पादन: बिजली संयंत्रों में।

इंधन की दक्षता

इंधन की दक्षता का मतलब है कि एक विशेष मात्रा के इंधन से कितनी ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह दक्षता विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है:

  • इंधन की गुणवत्ता: उच्च गुणवत्ता वाले इंधन अधिक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
  • दहन प्रक्रिया: सही तापमान और ऑक्सीजन की मात्रा से दहन प्रक्रिया को सुधार कर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
  • उपकरण की दक्षता: उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण और प्रौद्योगिकी से ऊर्जा की बर्बादी कम होती है।

पर्यावरण पर प्रभाव

इंधन का उपयोग पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव डालता है। जीवाश्म इंधनों के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें उत्सर्जित होती हैं, जो ग्रीनहाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती हैं। इसके अलावा, कोयला और लकड़ी जैसे ठोस इंधनों के जलने से वायु प्रदूषण भी बढ़ता है।

वैकल्पिक इंधन

पर्यावरणीय समस्याओं को देखते हुए, अब वैकल्पिक इंधनों की ओर ध्यान दिया जा रहा है। वैकल्पिक इंधनों में शामिल हैं:

  • जैव ईंधन: यह पौधों और जैविक अवशेषों से बनाया जाता है। यह नवीकरणीय और पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होता है।
  • सौर ऊर्जा: सूर्य की ऊर्जा को सौर पैनलों के माध्यम से विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है।
  • पवन ऊर्जा: पवन चक्कियों के माध्यम से पवन की ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।
  • जल ऊर्जा: जल विद्युत संयंत्रों में बहते पानी की ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।

निष्कर्ष

इंधन हमारी आधुनिक जीवनशैली का एक अभिन्न हिस्सा है। हालांकि, इसके उपयोग के पर्यावरणीय प्रभावों को देखते हुए, हमें अधिक दक्षता के साथ इसका उपयोग करना चाहिए और वैकल्पिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ना चाहिए। बिहार बोर्ड की कक्षा 8 विज्ञान के इस अध्याय ने हमें इंधनों के महत्व, उनके प्रकार, और उनके उपयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। हमें इस जानकारी का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करना चाहिए और एक स्वस्थ और स्थायी भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए।

bihar board class 8 science notes

क्र० स ०अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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